शतरंज जैसी ज़िंदगी है देखिए
इसको समझदारी से ही जी लीजिए।
बाज़ी लगा रक्खी है सब ने ज़ान की
इसको बहुत ही ध्यान से बस खेलिए।
ये खेल पेचीदा बहुत है हर तरह
अच्छा रहेगा सब्र दिल में कीजिए।
बाज़ी है जिसने जीत ली वो ख़ुश हुआ
ये ज़िंदगी है हार से भी सीखिए।
जब मोहरें पढ़ने अनिल आती नहीं
अच्छा रहेगा दूर ही हो लीजिए।
पंडित अनिल