जो भी पूछता है मेरी औकात पूछता है
कहाँ जाऊं हर दरवाज़ा औकात पूछता है
सच कहता है ये दोस्त तू जमाना बदल गया है
दोस्त हो या दुश्मन हो पहले औकात पूछता है
सबसे पूछा कर बताया कर रस्मे दुनिया है ये
बाद मौत के कौन किसकी औकात पूछता है
दिल तो करता है कि कोई तो जवाब मैं भी दू उसे
हर जवाब मुझसे मेरी औकात पूछता है
आदमी की कितनी चलती है मौत के आगे
फिर भी क्यों एक दूसरे की औकात पूछता है