जब शब्द मौन में बदल जाते हैं,
दुआ और बद्दुआ की गलियों में,
मुड़ जाते हैं।
याद हरेक वाक्या,
नजरों के सामने आता हैं।
कभी शब्द चिल्लाते हैं,
तो कभी मौन, मुस्कुराते हैं।
कभी अश्रु से नजरे धुंधली,
तो कभी कदम लड़खड़ाते हैं।
कभी अफसोस कर्म करते हैं,
तो कभी कर्म करने वाले करते हैं।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




