सूरज की किरणों-सी, चमकती है सोच,
अंधेरों में भी जगाए वो जोश।
निराशा के बादल जब घिर आए,
आशा की रौशनी राह दिखाए।
मन की मुरझाई बगिया खिल जाए,
जब विश्वास का जल उस पर बरसाए।
काँटों में भी गुलाबों का भाव देख,
हर हाल में मुस्काना सिखाए लेख।
संकल्पबल-सिंचित यह मानसिक शक्ति,
बना दे जीवन को चिरसुखद युक्ति।
स्वप्नसर्जक दृष्टिकोण जब अपनाए,
तो विघ्न-बाधाएँ भी झुक जाएँ।
हर गिरावट में सीखा सबक होता है,
हर ठोकर में छुपा साक्षात्कार होता है।
उत्साहवर्धक उषा-सा उजास भरें,
नव-उद्यम की ओर मनोबल धरे।
'मन:बल' नामक रत्न जब साथ हो,
तो हर राह बने राजपथ समान।
सकारात्मक सोच है जीवन की जान,
संग इसे कर लो, मत दो पहचान
----अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र'