शब्दों की ताकत
शब्दों की खूबसूरती तो देखिए,
जिस धागे में पिरो दें,उसी के रंग में रंग जाएँ।
कभी किसी की आँखों के आँसू बन जाएँ,
तो कभी किसी के होठों की मुस्कान।
कभी किसी के दिल का दर्द बन जाएँ,
तो कभी किसी के हौसले की ताकत।
शब्द केवल कुछ अक्षरों का मेल नहीं ,
बल्कि भावनाओं के दरिया की ऐसी नौका हैं ।
जो न जाने कब किसी के डूबने का कारण बन जाएँ,
तो कब किसी को डूबने से बचा लें ।
वन्दना सूद
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