ले ले जी सा यार मेरे, इस मीठी मीठी बारिश का
ये वक्त गुजर न जाए कहीं प्यार भरी इस ख्वाहिश का
करती हैं बूंदें टप टप दिल लगता है हल्का-हल्का
बूँदों की टप टप में मुझ पर छाने लगता है एक नशा
ये नशा उतर न जाए कहीं प्यार की पहली बारिश का
ये वक्त गुजर न जाए कहीं प्यार भरी इस ख्वाहिश का
सीने से लगा लूं मैं तुझको जी करता है हलके-हलके
तुझको बसा कर आंखों में बन्द कर लूं मैं अपनी पलकें
ये पलकें खुल न जाए कहीं इनमें है बादल बारिश का
ये वक्त गुजर न जाए कहीं प्यार भरी इस ख्वाहिश का
जा छुप जा अय चांद कहीं अपने महबूब से मिलने दे
बरसों से प्यासी धरती पर दो फूल प्यार के खिलने दे
ये फूल न मुरझा जाए कहीं सावन की पहली बारिश का
ये वक्त गुजर न जाए कहीं प्यार भरी इस ख्वाहिश का
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
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