तू दिसंबर, मैं जनवरी का महीना,
दोनों मिलकर, बनाते हैं नया सीना।
तू साल का अंत, मैं साल का आरंभ,
दोनों मिलकर, गाते हैं जीवन का गान।
तू ठंड की रातों में, लपेटता गर्म कंबल,
मैं नए साल का स्वागत, करता हूँ गुलदस्ता।
तू बर्फबारी लाता, मैं कोहरा बिखेरता।
दोनों मिलकर, प्रकृति को नया रूप देता।
तू साल का लेखा, मैं साल का जोड़।
दोनों मिलकर, बनाते हैं नया दौर।
तू पुराने को विदा करता, मैं नए का स्वागत करता।
दोनों मिलकर, जीवन को नया मतलब देता।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




