करना है नव सृजन तो,
हँसकर पीड़ा सहना होगा।
प्राप्त करने जीवन लक्ष्य,
संघर्ष पथ पे चलना होगा।
आलस्य त्यागा जिसने,
जीवन में हुआ वही सफल,
सूरज सा चमकना है तो,
सूरज सा जलना होगा।
करना है नव सृजन तो,
हँसकर पीड़ा सहना होगा।
जो पत्थर पीड़ा न सहे,
मंदिर में पूजा नहीं जाता,
कुंदन बनना है तो फिर,
अंगारों पर जलना होगा।
जीवन के सुख-दुःख में,
समरस- सा रहना होगा।
करना है नव सृजन तो,
हँसकर पीड़ा सहना होगा।
इतना सहज नहीं टूटना,
मानव अस्थियों का पर,
देना हो नवजीवन तो,
प्रसव पीड़ा सहना होगा,
हार नहीं सकता मैं,
ये स्वयं से कहना होगा।
करना है नव सृजन तो,
हँसकर पीड़ा सहना होगा।
🖊️सुभाष कुमार यादव