भ्रष्टाचारियों की बैठक जेल में - डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
चोर चोर मौसेरे भाई, तीन दलालों की शामत आई।
अंकी, इंकी, डंकी लाल, है इनका बुरा हाल।
भ्रष्टाचार की फाइलें खुल रही है, धीरे-धीरे मेरे भाई।
सरकारी नौकरी होते हुए, जांच जारी है।
ईमानदार है अधिकारी, पूछताछ जारी है।
आज तक आधा तेरा आधा मेरा,
कर कर के भ्रष्टाचार करते रहे।
चोरी, गबन,न जाने क्या क्या आरोप है।
बदहवास से हो रहे तीन दलाल,
नौकरी तो जाएगी, इज्जत का है मलाल।
विद्वानों का कहना है, जैसी करनी वैसी भरनी।
ताउम्र जेल में, पीसेंगे चक्की तीन दलाल
सुना है, भ्रष्टाचारियों की बैठक होगी जेल में।
नये-नये गुर सिखाएंगे, अंकी, इंकी, डंकी लाल।