सत्य की नींव: न्याय का विधान
डॉ.एच सी अंजू लता जैन
न्याय का विधान टिकता सत्य की नींव पर,
झूठ के सहारे कभी, इंसाफ़ नहीं होता।
भले ही देर लगे थोड़ी, पर सच ही अंत में आए,
असत्य का किला कितना भी ऊँचा, ढह ही जाए।
झूठ की बुनियाद पर टिकी, हर इमारत कमजोर,
सत्य की चट्टान अटल है, युगों युगों तक ज़ोर।
भले ही छल कपट कितना भी, फैलाए अँधियारा,
सत्य की एक किरण ही काफी, करने को उजियारा।
देर हो भले आने में, पर सत्य ही जीतेगा अंत,
असत्य का साम्राज्य कभी, चिरस्थायी नहीं होता शांत।
वो झूठ के पुल बनाते हैं, जो पल भर में हैं टूटने वाले,
सत्य की राह सीधी है, मंज़िल तक पहुँचाने वाली।
तो सत्य का दामन थामो तुम, चाहे हो कितनी मुश्किल,
न्याय का पहिया घूमेगा ज़रूर, पाएगा हर दिल मंज़िल।
ये अटल नियम है जग का, सत्य की ही होती जय,
झूठ का सिंहासन क्षणिक है, मिट जाएगा निश्चय।