कापीराइट गीत
बङी दिलकश है तू खूबसूरत है तू
जो मेरे मन में बसी है वो मूरत है तू
ये निगाहें तुम्हारी हैं चंचल बहुत
ये बल खाती कमर बङी सुन्दर बहुत
अजन्ता की जैसे कोई मूरत है तू
बङी दिलकश .........
तुम ही मन में हो तुम्हीं मेरे तन में
है इन सांसों में तू है हर धङकन में
इन कलियों सी चंचल खूबसूरत है तू
बङी दिलकश है .......
मिलो हमसे खुलके तुम जरा प्यार से
अब न शरमाओ ऐसे अपने ही प्यार से
अब इस प्यासे दिल की जरूरत है तू
बङी दिलकश है ......
- लेखराम यादव
... मौलिक रचना ...
सर्वाधिकार अधीन है