ख़ुदा ने क्या? बनाया है आपको मेरी तारीफ़ के वास्ते,
या और भी कोई इरादा है उनका मेरे नसीब के वास्ते।
पहले नहीं मालूम था ख़ुदा का इरादा क्या है,
अब समझ आया जब छीन लिया गया आपको मुझसे।
आपने दिया बेहद प्यार मुझे, दी साथ ही कई खुशियाॅं,
ख़ुदा ने इस तरह मिला दिया मुझ एकांतप्रिय को आपसे।
खुश थी आपको पाकर, अब ज़िंदगी हसीं लगने लगी थी,
था ज़हन में कि ख़ुदा सॅंवारना चाहता है आपके साथ मुझे।
पर जो नियति ने खेल खेला बड़ा ही दर्दनाक खेला,
हर खुशी को चूर किया शीशे सा, बस एक पलक झपकते।
हॅंसते-हॅंसते अचानक खुशी मातम में बदल गई थी उस दिन,
चुटकियों में सारे सपने बिखरे,जैसे बिखरते हैं ताश के पत्ते।
💫 रीना कुमारी प्रजापत 💫
सर्वाधिकार अधीन है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







