खामोशी की यात्रा में सफल हो गई हो
आँखें तो है न सब कुछ बयां कर देती है
तन्हाई के पीछे साए में गुम हो गई हो
आँखें तो है न सब कुछ बयां कर देती है
झूठी हँसी संग अधूरी हो गई हो
आँखें तो है न सब कुछ बयां कर देती है
शोक के अथाह में डूब गई हो
आँखें तो है न सब कुछ बयां कर देती है ॥

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




