खामोशी की यात्रा में सफल हो गई हो
आँखें तो है न सब कुछ बयां कर देती है
तन्हाई के पीछे साए में गुम हो गई हो
आँखें तो है न सब कुछ बयां कर देती है
झूठी हँसी संग अधूरी हो गई हो
आँखें तो है न सब कुछ बयां कर देती है
शोक के अथाह में डूब गई हो
आँखें तो है न सब कुछ बयां कर देती है ॥