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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मिलने में जो मजा है

कापीराइट गजल

माफ करने में जो मजा है अदावत में नहीं
जो, मजा प्यार में है, वो शिकायत में नहीं

तुम निभाते रहो हम से ये दुशमनी उम्र भर
अपनेपन में जो मजा है खिलाफत में नहीं

कब मिलेंगे अपने दिल ये इन हंसीं राहों में
मिलने, में जो मजा है, वो बगावत में नहीं

इतना गुस्सा हम से तुम निभाओगे कब तक
माफ करने में जो मजा है समायत में नहीं

एक तमन्ना है दिल में तुझे जी भर के देखूं
मिलने में जो मजा है, वो हकीकत में नहीं

कभी सोच कर भी देखो यादव के संग तुम
जो दिया है तुझे हमने वो वसीयत में नहीं


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

श्रेयसी said

वाह बहुत दिनों बाद आपकी रचना पढ़ कर मन हर्षित हो गया। उम्मीद है अब रोज़ आपकी रचना ऐसे हीं आती रहेगी और हमारी रचनाओं पर आपकी प्रतिक्रिया भी जो हमें दिशा निर्देश देती है। हमेशा की तरह लाज़वाब रचना। सुप्रभात सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद मेरी प्यारी बहना, रोज तो वक्त नहीं मिलेगा, मगर कभी कभी रचना पोस्ट करता रहूंगा, आपको सादर नमस्कार।

उपदेश कुमार शाक्यावार said

दिल से लिखी गई ग़ज़ल...बहुत सुन्दर

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एव॔ सादर नमस्कार उपदेश जी।

वन्दना सूद said

बहुत समय बाद आपकी गज़ल पढ़ने को मिली 👌👌sir आप कहाँ गायब हो जाते हैं वो भी इतने सारे दिनों के लिए 🙏🙏ख्याल रखा कीजिए अपनी ग़ज़लों के फैन्स का भी

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं स्वागत वन्दना जी, मैं कानून पर एक पुस्तक लिख रहा हूं इसलिए व्यस्त हूं, आपको सादर नमस्कार।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

सौ टका सच्ची बात सर जी प्यार में,माफ करने में, अपने पन में,मेल मिलाप में जो जीवन का आनंद है वो तो है ही पर आपकी ख़ूबसूरत कविता को पढ़कर जो आनंद आता है उसका एक अलग रंग होता है सर जी काफी दिनों बाद आपकी कविता पढ़ने को मिला, हृदय गदगद हो गया यादव जी। बस इसी तरह प्यार बनाए रखिए, कवि भेजते रहिये,शुभांकाक्षाओं के साथ सादर प्रणाम!!

Lekhram Yadav replied

माफ करना सर, मैं बदले हुए कानून पर एक पुस्तक लिख रहा हूं, और कानून पर लिखी कुछ अन्य पुसतकों को रिवाइज कर रहा हूं, इसलिए वक्त जरा कम मिलता है, फिर भी इतनी सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एव॔ सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

Ji maaf karne mein maja to hai par use jo apko apna samjhta hai or galti se koi galati kar deta hai lekin jo apke dukho ka Karan bana huaa hai or baar baar galti dohrata hai use kaise maaf Kiya ja sakta hai baar baar is tarah ke insaan ko dil se maaf karna humarae usulon ke khilaaf hai... Rachna bahut khubsurat hai apki bahut sundar ye jawab mere kal ki rachna ke comment ka hai... Namaskaar 🙏 प्रणाम, आशा है आप स्वस्थ होंगे और आपकी बुक राइटिंग का काम अब या तो पूरा हो गया होगा या बहुत ही अच्छे से चल रहा होगा

Lekhram Yadav replied

बाप रे बाप इतनी सी बात पर इतनी बङी प्रतिक्रिया, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं सादर नमस्कार

रीना कुमारी प्रजापत said

🤣🤣🤣🤣🤣

Lekhram Yadav replied

👍

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! क्या शानदार अंदाज़ में मोहब्बत, माफ़ी और अपनापन का पैग़ाम दिया है आपने, आदरणीय यादव सर जी को सादर प्रणाम आशा करता हूँ अपने मस्तमौला एवं सादगीपूर्ण अंदाज़ में कुछ नया लिख रहे होंगे जिसका बेसब्री से इन्तजार है पुनः प्रणाम

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सर।

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