ऐसी किताब जो कभी खत्म नहीं होती
ग्रन्थ धर्म सिखाते हैं
शास्त्र सहजता सिखाते हैं
विद्यालय की किताबें कर्म की ओर ले जाती हैं
सबसे खास एक विद्यालय और भी है
जहाँ की किताब कभी बंद नहीं होती
पन्ने अपने आप पलटते जाते हैं
पर वो कभी खत्म ही नहीं होती
वह विद्यालय यह संसार है
और वह खुली किताब इस संसार के लोग
हमारे इर्द गिर्द घूमता हर शक्स अपने आप में अलग
उसकी सोच ,उसके संस्कार ,उसका व्यवहार अलग
जो सही ग़लत,अच्छा बुरा,धर्म अधर्म,ज्ञान अज्ञान हर पहलू का परिचय देता है
यदि हम शिष्य बन जाएँ इस किताब के
तो अपने जीवन को परिपक्व बना सकते हैं..
वन्दना सूद