जानता हूँ,
तुम कहोगे कि सफल लड़कियाँ रिश्ते निभा नहीं पातीं
और मैं मुस्कुरा दूँगा—
जिस तरह एक दरवेश
ख़ुद अपने ही नाम पर हंसता है।
तुम्हें क्या मालूम,
रिश्ते निभाने में कौन फेल होता है?
वो जो ख़ुद को मिटा देता है,
या वो जो किसी को पूरा होने ही नहीं देता?
ये ताने, ये उम्मीदों के ज़ंजीर,
ये सवाल, ये तुम्हारी अधूरी समझ—
ये सब मिलकर एक रिश्ता मार देते हैं
और फिर इल्ज़ाम उन्हीं पर धर देते हैं
जो सबसे ज़्यादा वफ़ा करते हैं।
कभी सोचा है?
ये सफल लड़कियाँ क्यों अधूरी रह जाती हैं?
क्योंकि वो प्यार करती हैं,
पर प्यार में अपना वजूद नहीं खोतीं।
क्योंकि वो समझौते करती हैं,
पर ख़ुद को सौदा नहीं बनातीं।
और यही बात तुम्हें खलती है—
तुम्हें एक मोम की गुड़िया चाहिए
जो पिघल जाए तुम्हारी हथेलियों में,
पर उन्हें सूरज बनना आता है,
जो जलती हैं… पर ख़ुद को राख नहीं होने देतीं।
Part 1

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




