तुम कहते हो,
सफल लड़कियाँ मोहब्बत में नाकाम होती हैं।
पर मैंने कभी कोई ऐसी लड़की नहीं देखी,
जो प्यार में हार गई हो—
हाँ, मैंने बहुत से मर्द देखे हैं
जो प्यार को जीत नहीं पाए।
सुनो,
ये जो तुम उसे “नाकाम” कहते हो,
ये जो तुम उसके रिश्तों को “अधूरा” कहते हो,
ये जो तुम कहते हो कि “उसमें प्यार निभाने की काबिलियत नहीं थी”
तो सच ये है कि तुम्हारी मर्दानगी उसकी काबिलियत बर्दाश्त नहीं कर पाई।
तुम्हें आदत थी हुक्म देने की,
और उसने बस एक बार अपनी आवाज़ उठा दी,
और तुम्हें लगा कि वो प्यार नहीं कर सकती!
तुम्हें उम्मीद थी कि वो तुम्हारे नाम में घुल जाएगी,
और उसने बस एक बार अपना नाम ज़िंदा रख लिया,
तो तुमने कह दिया कि “वो समझौता नहीं कर सकती!”
सुनो,
तुम्हारी दुनिया में “अच्छी लड़की” कौन होती है?
जो अपने सपनों को तुम्हारे पैरों में रख दे,
जो अपनी पहचान को तुम्हारे नाम में खो दे,
जो हँसे भी तो तुम्हारी इजाज़त से,
जो रोए भी तो तुम्हारी मर्यादा में,
और जो सिर्फ़ उतना ही जिए, जितना तुम्हें सहज लगे!
पर अफ़सोस!
सफल लड़कियाँ ऐसी नहीं होतीं।
वो रोती हैं, लेकिन घुटती नहीं।
वो प्यार करती हैं, लेकिन मिटती नहीं।
वो निभाती हैं, लेकिन खुद को खोकर नहीं।
और जब उन्हें अहसास होता है कि “इस रिश्ते में मेरा होना नामंज़ूर है”
तो वो पीछे हट जाती हैं—
और तुम इसे उनकी हार कह देते हो!
तुम क्या सोचते हो?
वो रातों को नहीं रोतीं?
वो अपने कमरे की दीवारों से सवाल नहीं करतीं?
वो खुद को बार-बार नहीं कोसतीं कि
“काश मैंने थोड़ा और झुककर देख लिया होता!”
पर फिर एक दिन सुबह होती है,
और वो आइने में अपनी आँखों के नीचे पड़े काले धब्बे देखती हैं,
और मुस्कुराकर कहती हैं—
“नहीं, मैंने कुछ भी ग़लत नहीं किया।”
क्योंकि सच ये है,
कि रिश्ते निभाने में वो फेल नहीं हुईं,
बल्कि तुम एक सशक्त और संपूर्ण औरत के साथ रिश्ता निभाने में फेल हो गए।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




