भाई बहन के प्यार में
अंगना संजने वाली हैं
कुछ ही पल में आज बहनें
सदियां जीने वाली हैं
नवीन वस्त्र और नव श्रृंगार में
खुशियां और मुस्कान सजेगी
निश्छल, चंचल, कोमल मन में
बहनों की अरमान सजेगी
सूरज की किरणों से ज्यादा
भैया मेरा रहे चमकता
हृदय के कोने कोने में
गगन से ऊंची शान सजेगी
घर के हर कोने उपवन में
कलियां खिलने वालीं हैं
कुछ ही पल में आज बहनें
सदियां जीने वाली हैं
रंग बिरंगे कच्चे धागे
प्रीत से भरे खजाने हैं
उमंग सरिता की धारा में
निकले मधुर तराने हैं
इन धागों के रेशे रेशे
भाइयों को करे पुकार
बंधी कलाई,छायी खुशियां
बहनों को नज़राने हैं
आज बहनों की आंखों से
मोतियां झरने वाली हैं
कुछ ही पल में आज बहनें
सदियां जीने वाली हैं
रोली अक्षत कुमकुम से
सजी हुई है थाली थाली
घर घर में उल्लास भरा है
जैसे नव पल्लव हरियाली
सजी हुई है आरती
भाई बहन के प्यार की
सब बहनों की आंखों में
चमक निराली और निराली
दूर रहने की हो लाचारी
फिर भी मन मतवाली है
कुछ ही पल में आज बहनें
सदियां जीने वाली हैं।।
आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई 🌹🙏
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




