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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

सदियां जीने वाली हैं

भाई बहन के प्यार में
अंगना संजने वाली हैं
कुछ ही पल में आज बहनें
सदियां जीने वाली हैं

नवीन वस्त्र और नव श्रृंगार में
खुशियां और मुस्कान सजेगी
निश्छल, चंचल, कोमल मन में
बहनों की अरमान सजेगी
सूरज की किरणों से ज्यादा
भैया मेरा रहे चमकता
हृदय के कोने कोने में
गगन से ऊंची शान सजेगी
घर के हर कोने उपवन में
कलियां खिलने वालीं हैं
कुछ ही पल में आज बहनें
सदियां जीने वाली हैं

रंग बिरंगे कच्चे धागे
प्रीत से भरे खजाने हैं
उमंग सरिता की धारा में
निकले मधुर तराने हैं
इन धागों के रेशे रेशे
भाइयों को करे पुकार
बंधी कलाई,छायी खुशियां
बहनों को नज़राने हैं
आज बहनों की आंखों से
मोतियां झरने वाली हैं
कुछ ही पल में आज बहनें
सदियां जीने वाली हैं

रोली अक्षत कुमकुम से
सजी हुई है थाली थाली
घर घर में उल्लास भरा है
जैसे नव पल्लव हरियाली
सजी हुई है आरती
भाई बहन के प्यार की
सब बहनों की आंखों में
चमक निराली और निराली
दूर रहने की हो लाचारी
फिर भी मन मतवाली है
कुछ ही पल में आज बहनें
सदियां जीने वाली हैं।।
आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई 🌹🙏


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (12)

+

इक़बाल सिंह “राशा“ said

समदिल जी
आपकी यह कविता भाई-बहन के निश्छल प्रेम, रक्षाबंधन की आत्मीयता और उत्सव की भावनाओं को अत्यंत भावुकता और सौंदर्य के साथ प्रस्तुत करती है। हर पंक्ति में बहनों की उम्मीदें, प्रेम, और त्याग झलकता है। “कुछ ही पल में आज बहनें सदियां जीने वाली हैं” — यह भाव मन को छू जाता है। एक सुंदर, सजीव और संवेदनशील रचना।

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

"कुछ ही पल में आज बहनें सदियाॅं जीने वाली हैं!" ये एक पंक्ती अमर होने वाली है! बहुत ख़ूब, मनोज जी! रक्षाबंधन के अवसर पे एक यादगार रचना आपने लिखी है! आपको मुबारक हो! लाजवाब और बे-मिसाल कलाम! 👌👌👏👏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

इकबाल जी, परवेज जी, प्यार और अपनेपन से ओत-प्रोत खूबसूरत समीक्षा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार 🙏🌹🌹

उपदेश कुमार शाक्यावार said

कुछ ही पल में आज बहनें सदियां जीने वाली हैं। बहुत खूब मनोज जी नमस्कार

शिवचरण दास said

बहुत भावमय. .भाई बहन के अमर वात्सल्य प्रेम में पगी. ..रक्षा बंधन के सोनवानी समदिल की रचना

वन्दना सूद said

बहुत खूब लिखा sir 👌👌सही में थाली में अक्षत कुमकुम और आँखों में चमक

सुभाष कुमार यादव said

भावविभोर करने वाली रचना। सादर प्रणाम समदिल सर।👌👌🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

उपदेश सर जी, शिवचरन सर जी, वंदना जी, सुभाष जी, ऊर्जादायिनी समीक्षा के लिए हृदय की अंतहीन गहराई से आभार, नमस्कार 🙏🙏🌹

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत शब्दों के थानों में पिरोई हुई सुन्दर रचना, सुप्रभात सहित सादर नमस्कार सर।

श्रेयसी said

आपकी रचना पढ़कर इस त्योहार की खुशियांँ और अधिक बढ़ गई। बहुत सुंदर बहुत ख़ूब 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

श्रेयसी मेम, खूबसूरत समीक्षा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार 🙏🌹

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय लेखराम जी,सादर प्रणाम 🙏🌹 आपके आशीर्वाद का मुद्दतों से इंतजार था। आपके शब्दों से मन गदगद हो गया,इसी तरह से अपनापन और आशीर्वाद बनाए रखिए 🙏🌹🙏

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