कौन सम्हालेगा बदलता मिजाज मेरा।
दुखों से दुख रहा तन बदन आज मेरा।।
खून गाढ़ा हो गया धड़कने बढ़ी लगती।
ताल्लुकात चाहता दिल ले ले राज मेरा।।
झाँक लेने भर से बात नही बनती मेरी।
स्वर साथ आयें बजने लगेगा साज मेरा।।
इतना जुल्म कौन करता जानबूझ कर।
जीते जी छीनना चाहता अल्फाज़ मेरा।।
सिर्फ ग़ज़ल से बात नही बनती 'उपदेश'।
मोहब्बत ने बनाया उसको सरताज मेरा।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




