शब्दों का आकाश
डॉ.एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
कवि की कल्पना, शब्दों का आकाश है,
जहाँ उड़ते हैं सपने, मिटता हर हताश है।
अतीत के खंडहरों से चुनता है मोती,
भविष्य के रंगों से भरता है ज्योति।
जो दिखता नहीं आँखों से, वो भी रच देता है,
चाँद सितारों को धरती पर, पल भर में धर देता है।
भावनाओं की गहरी नदी में डुबकी लगाता है,
और अनकहे जज़्बातों को, शब्दों में सजाता है।
कभी इतिहास के पन्ने पलटता,
कभी भविष्य की राहों पर चलता।
यह मन का पंछी है, कहीं भी उड़ जाए,
अपनी उड़ान से सबको विस्मित कर जाए।
तो कवि की कल्पना को समझो तुम,
यह वास्तविकता से परे है हरदम।
यह सपनों की दुनिया है निराली,
जो जीवन में भर देती है हरियाली।