हमारी धरोहर
डॉ 0 एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात '"
ईंटों में धड़कता अतीत का स्पंदन,
खंडहरों में गूंजती सभ्यता का क्रंदन।
कभी शक्ति का केंद्र, कभी ज्ञान का धाम,
हमारी धरोहर, युगों-युगों का प्रणाम।
देखो लाल किले की अद्भुत शान,
फतेहपुर सीकरी की शिल्पकला महान।
कोणार्क का रथ, पत्थरों पर गतिमान,
हर रचना में छिपा है कारीगर का ध्यान।
यह विरासत हमारी, यह धरती का मान,
आने वाली पीढ़ी का है यह अभिमान।
इसे संजोना है कर्तव्य हमारा,
विश्व धरोहर दिवस पर यह संकल्प हमारा।
मुझे उम्मीद है कि ये कविताएँ आपको पसंद आएंगी! क्या आप किसी विशेष विश्व धरोहर स्थल के बारे में कविता सुनना चाहेंगे