सब जीवों से प्रेम करो
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
इस धरती पर जो भी है आया,
जीवन की ज्योति जिसने है पाया।
चाहे छोटा हो या हो बड़ा,
हर साँस में है जीवन खड़ा।
चींटी भी चलती, हाथी भी डोले,
पंख पसारे चिड़िया भी बोले।
मछली जल में करे किलोल,
हर जीवन का है अपना मोल।
क्यों भेद करें हम रंग और जाति,
सबमें बसी है एक ही थाती।
उसी शक्ति का अंश समाया,
हर रूप में है वही समाया।
जो दर्द हमें होता है पल भर,
वही पीड़ा है उनको भी हर कर।
उनकी भी आँखें भर आती होंगी,
जब बेबसी उन पर छाती होगी।
मत मारो किसी को, मत करो परेशान,
हर जीवन का करो सम्मान।
प्यार की नज़र से देखो जग सारा,
हर जीव है साथी, हर जीव है प्यारा।
वृक्षों में भी है जीवन स्पंदन,
फूलों में भी है मधु का क्रंदन।
नदियों का बहना, हवा का चलना,
सब जीवन की गाथा है कहना।
जो प्रेम दोगे, वही तुम पाओगे,
करुणा का सागर बन जाओगे।
सब जीवों से प्रेम करो मन से,
जीवन महकेगा प्रेम के धन से।
यह धरती सबकी है, सबका है हक,
नहीं किसी को पहुँचाओ तुम शक।
प्रेम की भाषा समझो, समझाओ,
हर जीव को अपना ही पाओ।