कभी कभी
जरा जरा सी बात पर
गुस्सा आ जाता है
और तिल का पहाड़ बन जाता है
कभी कभी
बहुत बड़ी बात पर
भी गुस्सा नहीं आता है
कहने वाले पर दया आती है
कभी कभी खुद पर
ही गुस्सा आता है
न चाहते हुए भी
अपना किया याद आता है
कभी कभी खुद पर
हंसी आती है
पुरानी कोई बात
बार बार याद आती है
हम अपने आप को
समझ नहीं पाते हैँ
हाँ दूसरों को बहुत
कुछ समझाते हैं!