रिश्वत देकर कुर्सी पा गया।
चश्मा लगाकर,
भ्रष्टाचारी बंदर आ गया।
न्याय व्यवस्था पर,
ही- ही करके हंसाता है।
भ्रष्टाचार के बक्सों में,
सभी फाइलें बंद करके रखता है।
भ्रष्टाचार की डालियों पर,
नोटों की गड्डियां लेकर, उछल-कूद करता है।
भ्रष्टाचार के जंगल में,
सभी भ्रष्टाचारी बंदर,
जमा कर लिए हैं।
अब सभी की मिली जुली,
तरकीबों से,
भ्रष्टाचार की नई-नई मुहर,
सरकारी दीवारों पर चस्पा करता है।