महकती खुशी ऐसी भी वो जाने या मैं।
जिन्दगी की मजबूरियाँ वो जाने या मैं।।
तालमेल बेतार उससे संबंधित से भाव।
जाने क्या-कुछ छुपाया वो जाने या मैं।।
गुजर रही थी जिंदगी अपनी रफ्तार से।
रिश्तेदार भी नही समझे वो जाने या मैं।।
हवा में कुछ-कुछ चलने लगा 'उपदेश'।
मगर रिश्ता कायम रहा वो जाने या मैं।।