महकती खुशी ऐसी भी वो जाने या मैं।
जिन्दगी की मजबूरियाँ वो जाने या मैं।।
तालमेल बेतार उससे संबंधित से भाव।
जाने क्या-कुछ छुपाया वो जाने या मैं।।
गुजर रही थी जिंदगी अपनी रफ्तार से।
रिश्तेदार भी नही समझे वो जाने या मैं।।
हवा में कुछ-कुछ चलने लगा 'उपदेश'।
मगर रिश्ता कायम रहा वो जाने या मैं।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




