चांडाल चौकड़ी (हास्य-व्यंग)
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
विद्यालयों ,कॉलेज और महाविद्यालयों में,
लूट मचा रखी है।
कभी इसके नाम पर, कभी उसके नाम पर।
तीन ही है, करते हैं कमाल।
ये चांडाल चौकड़ी, मचाते हैं धमाल।
पैसा जमा करके, यदि आप पूछेंगे कोई सवाल।
लगाएंगे ऐसे -ऐसे आरोप, जिंदगी में आ जाएगा भूचाल।
डंकी लाल डंक से, कोई बच ना पाया।
अंकी लाल अंक ने, ऐसा गणित बनाया।
इंकी रानी इंक ने,बच्चों का भविष्य खाया।
अभी-अभी, एक और नया आया है।
उसने तो ,सरकारी दस्तावेजों को गायब कराया है।
मिल बैठ जाए ,यह चारों भ्रष्टाचारी।
रोते रहो तुम, खा जाएंगे उम्र सारी।