याद के दीपक बुझाए चल दिए
हर तरफ नजरे झुकाए चल दिए।।
रोए तमाम उम्र पर आंख में आसूं नहीं
गम छुपाए मुस्कराए चल दिए।।
खाक कर दे ना बदन को रूह की तिश्नगी
आग दामन में छुपाए चल दिए ।।
टूटते कंधो पे लादा वक्त ने हरदम पहाड़
मैयत अपनी ही उठाए चल दिए।।
वक्त के कासिद की दस्तक आयेगी जो
कोई आए कोई जाए चल दिए।।