जरूरत भार का ही रास्ता दिखा दे।
ये खुदा! दुनिया में जीना सिखा दे।।
एहसास में हूँ मगर तवज्जो में नही।
मतलबी प्यार करना मुझे सिखा दे।।
खाई चोट दिल ने अपने अजीज से।
फिर भी विनती है मिलना सिखा दे।।
उसके बगैर जिन्दगी पतझड़ सी लगे।
सावन लाने का एक उपाय सिखा दे।।
हो सके तो याद आऊँ मैं भी 'उपदेश'।
अगर ना तो उसे याद करना सिखा दे।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद