यह कैसे हो तुम।।
यह जो तुम सोचते हो कि बदल जाओगे,
यह भला सच तुम किसे बताओगे,
इस जहां की फितरत इधर उधर की है,
बदले मन से तुम किसमें दिल लगाओगे,
यह अदला-बदली में तुम ऐसे वैसे रहोगे,
ये एक जैसे लोग तुम कहां से लाओगे।।
- ललित दाधीच।।
>©रचना रचनाकार के सर्वाधिकार अधीन है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







