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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

रातें

रातें ये मेरी तन्हा -तन्हा
रातें ये मेरी तन्हा -तन्हा ,
तेरी याद दिला रही।
होकर सबसे जुदा -जुदा,
तन्हाई में मेरा साथ निभा रही।

रातों ने एक सुकून मेरे दिल को दिया
रातों ने एक सुकून मेरे दिल को दिया,
मानों किसी का प्यार भरा पैग़ाम मुझे दिया,
सरगोशी से मुझे किसी का पता बता दिया।

रातों ने मेरी तन्हाई को दूर कर दिया
रातों ने मेरी तन्हाई को दूर कर दिया,
चाॅंद तारों जैसे दोस्तों से मुझको मिला दिया।
और किसी के प्यार भरे अल्फ़ाज़ों को
मेरे कानों में सुना दिया।

रातों ने सपनों को पलकों में लाया
रातों ने सपनों को पलकों में लाया,
लोरी गाकर मुझे सुलाया
और तन्हाई की इस घड़ी में मुझे अपना बनाया।

रातें ये मेरी तन्हा -तन्हा
रातें ये मेरी तन्हा -तन्हा,
तेरी याद दिला रही
होकर सबसे जुदा -जुदा,
मेरे साथ मुस्कुरा रही।

- रीना कुमारी प्रजापत





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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut pyara geet

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bahut bahut dhanyawad Ashok ji

फ़िज़ा said

Bahut achha likha

रीना कुमारी प्रजापत replied

Shukriya

कमलकांत घिरी said

वाह क्या रातें हैं..

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद!

वन्दना सूद said

beautiful lines 👏👏

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