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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

इतना दो वरदान !

मिटे मैल मेरे मन का
सदा मिले सम्मान
हे सुरभारती!,हे कल्याणी!
इतना दो वरदान!

रंज रहे ना राग द्वेष
रहे न स्वारथ कभी मन में
विकट विपत्ति की सामना शक्ति
भर देना मेरे तन में
सुमिरन करूं, करूं वंदन
नित- नित करूं गुणगान
इतना दो वरदान!

हस्तवीणावर! हंसवाहिनी!
अभयदात्री! हे सरस्वती!
चंद्रधवला! हे शारदे!
विश्वव्यापिनी! हे भगवती!
चित्त नव निर्मल बना रहे
दे स्नेहिल सद्ज्ञान
इतना दो वरदान!!


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

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अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Aapki यह प्रार्थना स्त्री शक्ति और ज्ञान की देवी सरस्वती से एक सच्चे और निर्मल मन की कामना करती है। यह न केवल व्यक्तित्व के उज्जवल पहलुओं को अपनाने का आह्वान है, बल्कि जीवन के नकारात्मक तत्वों से मुक्ति की भी याचना करती है - Aapko Saadar Pranam Sir Ji... Bahut Sundar Prathna...

सुप्रिया साहू said

बहुत खूबसूरत रचना मनोज सर 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

वन्दना सूद said

हम भी आपकी इस प्रार्थना में शामिल होना चाहते हैं 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

अशोक जी, नमस्कार! आपने मेरी रचना का इतनी बारीकी और गहराई से अवलोकन किया और भावपक्ष पर इतनी सुन्दर और प्यार भरी प्रतिक्रिया दी, सचमुच मैं अभिभूत हो गया हूं। सादर वंदन अभिनंदन! आपका प्यार इसी तरह मिलता रहे। हमें आपकी समीक्षा से प्रेरणा मिलती है।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

सुप्रिया जी, वंदना जी, समीक्षा के लिए हृदय से धन्यवाद।

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