ग़र किसी को बुरा लगे तो हम क्या करे?
कुछ करते नहीं फिर भी दिल जले तो हम क्या करे?
हम कहते हैं किसी और को,
आप अपने पे ले ले तो हम क्या करे?
हर बात का मतलब एक ही नहीं होता,
आप ग़लत मतलब निकाले तो हम क्या करे?
मेरी कविता में आप दूर तक कहीं नहीं हो,
फिर भी आप उसमें खुद को देखें तो हम क्या करे?
इरादा हमारा ऐसा रहा ही नहीं कभी,
फिर भी उदासी की वजह हमे माने तो हम क्या करे?
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐