आजकल तेरे चेहरे पर बड़ी मुस्कान है,
मेरे जाने की खुशी है क्या?
अश्कों में डूबो दिया तूने मुझे कमबख़्त,
अब और भी कुछ करने का इरादा है क्या..?
ला दिया तूने मेरी ज़िंदगी में ऐसा तूफ़ान
जिसे लाया ना होगा कभी किसी ने किसी की ज़िंदगी में, ऐसा बैर ना बसाया होगा कभी किसी ने अपने बैरी से
जैसा बसाया है आज तूने अपने ही से।
अश्कों का सैलाब मेरे नाम कर दिया,
ज़िंदगी में तूने मेरे ज़हर भर दिया।
ऐसी भी क्या दुश्मनी मुझसे,
जो तूने यूं सरेआम मुझे बदनाम कर दिया।
चाले चलना तो कोई तुझसे सीखे, माशाल्लाह ! क्या बिसात बिछाई है।
तेरी हर चाल से वाक़िफ़ है हम,
तू ये ना समझना के नादान है हम।
- रीना कुमारी प्रजापत
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




