रात जागती रहती है सवेरे के इंतजार में
दिन उँघता रहता है चाँदनी की तलाश में
तारे ढूंढते रहते हैँ किसी आँचल की छाँव
चाँद बेकल लगता है ममता की तलाश में
गुस्से से है लालपीला सूरज बापू की तरह
हवा थिरकती रहती है बहन के लिबास में
हरदम तना रहता है ये आसमां तम्बू जैसा
कोई आवाज दे रहा है बच्चे की तलाश में
आँखे नम हैं और ये दिल भरा बहुत है दास
दिल जवाँ बच्चा हुआ अब माँ की तलाश में! !