महावीर जयंती
शिवानी जैन एडवोकेटbyss
जन्म कल्याणक आया, महावीर का पावन दिन,
अंतर में जागे ज्योति, हो मन निर्मल नवीन।
राजसी वैभव त्यागा, वन में किया तप घोर,
आत्मा को साधा दृढ़ता से, मिटाया कर्मों का चोर।
इंद्रियों को वश में करके, जीता स्वयं से संग्राम,
केवलज्ञान की अद्भुत महिमा, पाया अविचल धाम।
राग और द्वेष से मुक्त, वीतरागी कहलाए,
जग के भूले भटकों को, मुक्ति का मार्ग दिखाए।
हर जीव में देखो अपनी, पीड़ा और वेदना,
अहिंसा का यह सिद्धांत, जीवन की बने साधना।
वाणी में मधुरता हो, सत्य का हो संचार,
लोभ और मोह से दूर, हो जीवन का श्रृंगार।
महावीर जयंती का यह पर्व, दे हमको यह संदेश,
अंतर की कालिमा धोकर, करो आत्मा को विशेष।
उनके आदर्शों को अपनाकर, जीवन को सार्थक बनाएं,
शांति और करुणा से भरकर, सुंदर जग ये रचाएं।