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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ले आओ कभी हमे भी

ले आओ कभी हमे भी अपने ख़्वाबों में.....
ले आओ कभी हमे भी अपने ख़्वाबों में,
सोते हुए भी मुस्कुराने लगोगे।
शामिल कर लो कभी हमे भी अपनों में,
प्यार तुम्हारे अपनों से भी ज़्यादा तुमसे करेंगे।

ले आओ कभी हमे भी अपने ख़यालों में.....
ले आओ कभी हमे भी अपने ख़यालों में,
अकेले बैठे हुए भी हॅंसने लगोगे।
थोड़ी जगह दे दो कभी हमे भी अपने दिल में,
दिल का ये रिश्ता हमेशा निभाते रहेंगे।

ले आओ कभी हमे भी अपनी ज़िंदगी में.....
ले आओ कभी हमे भी अपनी ज़िंदगी में,
बेजान ज़िंदगी में भी जान डाल देंगे हम।
थोड़ी जगह दे दो कभी हमे भी अपने घर में,
इस घर को भी स्वर्ग सा सुंदर बना देंगे।

"रीना कुमारी प्रजापत "




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत सुन्दर रचना रीना मेम, आपके पास हर चीज़ की परिभाषा है और उसको कलमबद्ध करने के लिए शब्दों का अनमोल खज़ाना, वेसे तो हर कविता - कहानी - रचना बात करती व्यक्त होती है लेकिन आपकी कविताओं में ये कुछ अनोखा होता है आपकी ज्यादातर कविता में शब्दों को इस तरह पिरोया गया है कि शब्द उभर उभर कर कहते हैं लीजिये हमें पढ़िए

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku Ashok bhai , apko hamari kavita pasand aati hai or us par apki bahut sundar sundar pratikriya milti hai, Apki ye pratikriyaye hame bahut prerit karti hai बहुत बहुत शुक्रिया आपका कि आपने हमे ये मंच दिया जिससे हम ज्यादा से ज्यादा और बड़े बड़े कवियों,लेखकों और पाठकों से जुड़ सके हैं। बहुत बहुत आभार नमन आपको भाई🙏🙏🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

काबिले तारीफ बिलकुल न्यू फीलिंग्स के साथ !! इतनी प्यारी मनुहार... अनुपम साहित्यिक कृति !! 👌👌💜💜👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत आभार आपका भाई साहब

Lekhram Yadav said

मेरी प्रिय बहना आपके द्वारा जो शब्दों की अभिव्यक्ति की गई है उसमें एक नयापन है जो हमें कुछ सीखने और नया करने की प्रेरणा देता है।

रीना कुमारी प्रजापत replied

मेरी कविता आपके सीखने के काम आती है और आपने मेरी कविता को कुछ सीखने के काबिल समझा, बहुत बहुत शुक्रिया आपका भय्या

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