प्यारी सी गौरैया
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात "
छोटी सी गौरैया, प्यारी सी चिड़िया,
आँगन में फुदकती, हरदम खिलती।
बच्चों की संगी, बूढ़ों की साथी,
घर-आँगन की रौनक, सबकी मनभाती।
पर आज वो कहाँ खो गई है?
शहरों की भीड़ में, गुम हो गई है।
आओ मिलकर उसे वापस बुलाएँ,
पेड़ लगाएँ, घोंसले बनाएँ।
खिड़कियों पर दाना पानी रखें,
आँगन में छोटे पौधे लगाएं।
बच्चों को सिखाएँ इनका महत्व,
इनकी चहचहाहट से घर सजाएँ।
पुराने घोंसलों को न हटाएँ,
नए घोंसले बनाने में मदद करें।
प्लास्टिक के घोंसलों से बचें,
प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करें।
कीटनाशकों का प्रयोग कम करें,
जैविक खेती को अपनाएँ।
मोबाइल टावरों से दूर रहें,
इनकी सुरक्षा का ध्यान रखें।
विश्व गौरैया दिवस का ये संदेश,
हर घर में गूँजे इनका परिवेश।
मिलकर करें हम सब प्रयास,
गौरैया का हो फिर से वास।
इनकी चहचहाहट से महके आँगन,
प्रकृति का हो फिर से नर्तन।
गौरैया की वापसी का ये सपना,
सच हो जाए, यही हो कामना।