कैसे टूटे रिश्ते मेरे,
कैसे छूटे अपने मेरे,
बीत गया वह बचपन मेरा कैसे टूटे सपने मेरे,
प्यार का सावन गाँव की गलियाँ अब यादों में रहते मेरे,
वाह नानी के घर पर जाना अब रह गए सुंदर सपने मेरे,
वह बागों की कलियों संग रहना....
.... कागज के कश्ती संग बहना,
बीते लम्हे सपने मेरे,
वक़्त ने तोड़े सपने मेरे, वक़्त तोड़े रिश्ते मेरे,
ये वक्त का खेल भी बड़ा निराला....
अब यादों में हैं अपने मेरे
........अब यादों में हैं अपने मेरे
सर्वाधिकार अधीन है