मेरे कितने ही हुनर मिट गए सभी को बताने से,
एक हुनर आबाद हुआ हर किसी से छुपाने से।
बहुत दर्द लिया है हर किसी को अपनाकर,
अब खुशी मिली है तन्हाई को अपनाने से।
नसीब में होगा तो खुद चलकर आयेगा,
प्यार मिलता नहीं है यूं प्यार जताने से।
तन्हाई तो यूं ही बदनाम है दुःखों के लिए,
खुशी तो मिलती भी नहीं है भीड़ के आने से।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐