बीज और वृक्ष
डॉ0 एच सी विपिन कुमार जैन" विख्यात"
सोच एक बीज है छोटा सा, जो मन की धरती में बोया जाए,
अच्छे विचारों का वृक्ष बनेगा, या बुराई का विष फैलाए।
जैसी खाद और पानी दोगे, वैसा ही फल यह देगा,
इसलिए अपनी सोच का ध्यान रखो, जीवन को सुंदर यह करेगा।
सकारात्मक सोच की जड़ें गहरी, हर तूफ़ान में टिकी रहेंगी,
नकारात्मकता की बेलें कमजोर, ज़रा सी हवा में भी ढहेंगी।
इसलिए अपने मन के आंगन में, अच्छे विचारों के बीज बोओ,
प्रेम, करुणा और आशा से, अपने जीवन को सींचो।
यह सोच ही तो दिशा दिखाती, जीवन की हर यात्रा में,
सही और गलत का भेद बताती, हर मुश्किल की गाथा में।
अपनी सोच को बनाओ निर्मल, जैसे बहती हुई नदी,
जीवन की हर बाधा को पार करो, पाओगे सच्ची समृद्धि।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




