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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

छोटी सी सोच

सुना था कि कोई पैर छुए तो इज़्ज़त बढ़ जाती है ,
और हमारे पैर जैसे ही छुए किसी ने तो
हमें लगा कि हमारी ज़िम्मेदारी बढ़ गई ॥
वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह! क्या बात है? लाजवाब

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar sach hi hai Ijjat Pair chune wale ki najron me hoti hai aur chulwaane wale ki jimmedari badh jaati hai..har tarah se ijjat ko barkarar rakhne se lekar samane wale ke liye prem aur sambhalne tak or ye jimmedariyan yahi tak seemit nahi hoti hain.

वन्दना सूद replied

पैर छूना एक सभ्यता है परन्तु जिसके छुए जा रहे हैं उसकी ज़िम्मेदारी 😊

Raghav said

बहुत ही नेक ख्याल एवं सोच

वन्दना सूद replied

Dhanywad sir 😊

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