महिला कोई वस्तु नहीं ।
कोई धातु नहीं ।
कोई उपकरण भी नहीं है।
वह एक जेंडर है जैसे पुरुष एक जेंडर है ।
दोनों ही पृथ्वी पर बराबर का अधिकार रखते है।
जब पुरुष अपनी वासना पर काबू नहीं कर पाया
तो उसने महिलाओं को ही बड़े बड़े वस्त्रों से ढक दिया।
और उसे सभ्यता और संस्कृति का नाम दे दिया पुरुष हमेशा से महिलाओं की आज़ादी से डरता रहा है और डरता रहेगा।