जो बीत गया वो दौर पुराना था
अब सफर सुहाना है।
विश्व पटल पर देश को एक नए
आयाम तक ले जाना है।
है यह युवा शक्ति से लबरेज़
इसे बुलंदियों तक ले जाना है।
क्या ख़ाक कदम रोकेगी ये दुनियां
मंज़िल को हर हाल में पाना है।
सामरिक साझेदारी वैश्विक संकेतों में
तिरंगा लहराना है।
है यह वीरों की राख से बनी मिट्टी
इसे काल के कपाल पे लगाना है।
है बड़ी उपजाऊ भारत देश की मिट्टी
इससे सोना उगाना है।
हम शांतिदूत वैसुधैव कुटुम्बकम
को मानने वाले।
मानवता के रास्ते पे चलने वाले
हमें दुनियां को चलाना है।
हमें चहुं ओर शान्ति समभाव समरसता
सौहार्द बरसाना है।
हमें प्यार लूटना है..
देश का परचम है ये तिरंगा हमदम
इसे दुनियां में फहराना है।
निर्झर पवन झर झर सरोवर
हर तरुण तरुवर में लहराना है।
हमे देश बनाना है
इसे आगे ले जाना है
भारत को विश्व गुरु बनाना है।
पूरी दुनियां में तिरंगा लहराना है..
पूरी दुनियां में तिरंगा फहराना है..