एक बहुत
पुरानी किताब
मेरे आले में
बरसों बरस से रखी थी
रंग बदरंग सा
कवर भी बेढंग था
सारे सफ़े निकले हुऐ
जिल्द बड़ी सड़ गई
सुईं और लेह से जुड़े हुऐ
कुछ दीमक खा गई
कुछ धूल खा गई
मैंने ही सहेज कर रखी थी
उसकी जगह सबको
खली थी
मानो किताब नहीं
मिट्टी की पुड़ी थी
उसमे एक गुलाब का
सूखकर सड़कर
किताब से चिपक गया था
कुछ रेशमी यादें
किताब से जुड़ी थीं
वो किताब मुझे
बचपन में
पाँचवी कक्षा में
प्रथम आने पर
मास्टर जी से मिली थीं
किताब का नाम
हमारे पूर्वज था
मैंने वैसे बस एक बार ही
पढ़ी थीं.
कल मेरे परिजनों ने
सफाई करते समय
कचरे के डब्बे में फेंक दिया
और सुबह
सफाई वाला सब कचरा
ले गया.
चलो अच्छा ही हुआ
अब उसकी जरुरत भी क्या है
अब पुराने लोगों
और पुरानी किताबों
भला
हैसियत ही क्या है?

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




