ख़ुद को छुपा कर मत रखो
खुद को छुपा कर मत रखो,
खुद को अपना बनाकर रखो।
दूर निगाहें लगाकर मत रखो,
किसी से निगाहें मिलकर रखो।
जिंदगी बंद कमरे में मत रखो,
जिंदगी में आज़ादी बनाकर रखो।
अपनी उड़ान दबाकर मत रखो,
आसमान की चादर ओढ़कर रखो।
बेकार की बातें दिल में मत रखो,
"सुप्रिया" से दिल लगाकर तो रखो।
- सुप्रिया साहू