बांट कर जातियों में
हमें कोई तोड़ नहीं सकता।
चाहें लाख मतभेद हो आपस में
एक सच्चा हिन्दुस्तानी कभी
टूट नहीं सकता।
माना कि लाख बुराइयां है हमारे यहां
पर देश को रोता कोई छोड़ नहीं सकता।
हों चाहें जितनी भी कठोर निगाहें हमपर
हमारा हक़ हमसे कोई छीन नहीं सकता।
हैं अपनी जिम्मेदारियों की एहसास हमें
हमारी काबिलियत को कोई छिन्न भिन्न नहीं कर सकता।
हैं कठोर इरादे लिय ऐसे हैं हम इस वतन के
रखवाले।
उठा कर आंख देख ले बुरी नजर से मां
भारती की तरफ ऐसे नहीं कोई ज़िगर वाले।
तोड़ दी जायेंगी हर एक गुस्ताख़ भुजाएं
जो है भारत के खिलाफ़ उठने वाले।
ऐसे हैं हम भारत के रखवाले...
ऐसे हैं हम भारत के रखवाले..