भाई -दूज
मम्मी जैसा कहूँ या पापा जैसा कहूँ
कि सच्चे और खास दोस्त जैसा कहूँ
हर रिश्ते में बुना हुआ है मेरे भाई से मेरा रिश्ता
जो बिन कुछ कहे ही मेरी आँखें पढ़ लेता है
जो ख्याल में आते ही सामने आ जाता है
जो अपनी दुआओं से हर दूरी को मिटा देता है
जो भी मिला खूबसूरत रिश्ता ही मिला
पर भाई सा खास आज भी कोई रिश्ता नहीं मिला
बेशक वो मुझे अपनी छतरी कहता है और मैं उसे अपनी
फिर भी सांस से भी क़ीमती इस रिश्ते के लिए यही दुआ निकलती है
कि शब्दों से ब्याँ करने से पहले उसकी हर इच्छा क़बूल हो जाए
हो जाए कभी भूल से भी भूल तो खुदा के कटघरे में उसकी हर सजा माफ हो जाए..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




