धूप से बचने को छाता लगाऊँ क्या!
दिल मायूस बहुत हवा खिलाऊँ क्या!!
रोशनी में रहने की आदत से मजबूर।
बुझते मन को अँधेरे में सुलगाऊँ क्या!!
रात के सन्नाटे में तबियत का मचलना।
खुद से खुद का मैं दिल बहलाऊँ क्या!!
उसकी याद जाने क्यों रुकती ही नही।
कोई पुराना मधुर गीत गुनगुनाऊँ क्या!!
जुगनू से अब काम ना चलेगा 'उपदेश'।
आफताब को जमीन पर बुलाऊँ क्या!!
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




