कापीराइट गजल
आओ मिलकर ख्वाबों की एक नई तस्वीर बनाएं
जीवन के कोरे कागज पर एक नई तस्वीर बनाएं
हम दोनों होंगे इसमें और एक प्यारा सा घर होगा
छोटे से इस घर में आओ खुशियों के बाग लगाएं
इस घर के कोने-कोने में जब प्यार हमारा महकेगा
प्यार की इस खुशबू से आओ इस घर को महकाएं
प्यारे-प्यारे से इस घर में ये जान हमारी बसती है
इस घर के आंगन को आओ फिर से आज सजाएं
अपने घर को हम दोनों, मिल कर स्वर्ग बनाएंगे
इसकी शीतल छाया में आओ यूं दिल को बहलाएं
गुस्से में भी तुम जानेमन प्यारी-प्यारी लगती हो
आओ बैठो पास मेरे, आओ फिर से प्यार जताएं
जब-जब ये गुस्सा आएगा प्यार से तुम्हें मनाएंगे
पास मेरे तुम आ जाना जब हम बाहें फैलाएं
जीवन भर हम साथ रहेंगे अब तेरे ही संग यादव
इसी तरह से मिल के एक दूजे का साथ निभाएं
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना)
सर्वाधिकार अधीन है