समझ में नही आता शुरुआत कहाँ से करूँ।
कल की शिकायतों से या एहसान से करूँ।।
उनकी आँखों की कशिश कुछ कहना चाहे।
शुरू अतीत की महक से या जान से करूँ।।
निशानी एक नही कई मैंने सम्भाल कर रखी।
बात सूखे फूल से करूँ या अरमान से करूँ।।
ऐसे हाल में जाने क्यों आँखें डबडबा जाती।
कहने पर किस्से से करूँ या सूनेपन से करूँ।।
प्रेम की चाहत आँखों को भी धड़कन को भी।
पास हो 'उपदेश' तो यादों के निशान से करूँ।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




